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About Video - "A small life" !! shaheed-E-azam !! bhagat singh || Rajguru || Sukhdev || इंकलाब जिंदाबाद इंकलाब जिंदाबाद इंकलाब जिंदाबाद सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है जोर कितना यह बाजु-ए-कातिल में है [शहीद-ए-आजम भगत सिंह की कविता ] उसे यह फ़िक्र है हरदम, नया तर्जे-जफ़ा क्या है हमें यह शौक देखें, सितम की इंतहा क्या है? दहर से क्यों खफ़ा रहे, चर्ख का क्यों गिला करें, सारा जहाँ अदू सही, आओ मुकाबला करें। कोई दम का मेहमान हूँ, ए-अहले-महफ़िल, चरागे सहर हूँ, बुझा चाहता हूँ। मेरी हवाओं में रहेगी, ख़यालों की बिजली, यह मुश्त-ए-ख़ाक है फ़ानी, रहे, रहे न रहे। भगत सिंह यह शायरी भगत सिंह की लिखी हुई न होकर उनकी लोकप्रिय शायरी थी जिसे वे जब-तब गुगुनाया करते थे। Song -- Mera rang de banthi chola वंदे मातरम, वंदे मातरम, Keywords: मेरा रंग दे बसंती चोला,भगत सिंह,राजगुरु,सुखदेव,भगत सिंह राजगुरु सुखदेव,bhagat singh rajguru sukhdev,23march,जालियावाला बाग,भगत सिंह की फांसी,आजादी की लड़ाई,शहीद-ए-आजम,Bhagat Singh,bhagat singh ki fasi,aazadi ki ladai,iqlab zaindabad,me bhagat singh hu,bhagat singh,saheed bhagat sing